सूक्ष्मस्थूल: Difference between revisions
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<p class="HindiText"> पुद्गल द्रव्य के छ: भेदों में तीसरा भेद । ऐसे पुदगल द्रव्य चक्षु इंद्रिय के द्वारा ज्ञान नहीं होने से सूक्ष्म और कर्ण इंद्रिय के द्वारा ग्रहण किये जा सकने से स्थूल भी होते हैं । जैसे शब्द, स्पर्श, रस और गंध आदि । <span class="GRef"> महापुराण 24.149, 151, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.121 </span></p> | <p class="HindiText"> पुद्गल द्रव्य के छ: भेदों में तीसरा भेद । ऐसे पुदगल द्रव्य का चक्षु इंद्रिय के द्वारा ज्ञान नहीं होने से सूक्ष्म और कर्ण इंद्रिय के द्वारा ग्रहण किये जा सकने से स्थूल भी होते हैं । जैसे शब्द, स्पर्श, रस और गंध आदि । <span class="GRef"> महापुराण 24.149, 151, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.121 </span></p> | ||
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Latest revision as of 22:43, 24 August 2023
पुद्गल द्रव्य के छ: भेदों में तीसरा भेद । ऐसे पुदगल द्रव्य का चक्षु इंद्रिय के द्वारा ज्ञान नहीं होने से सूक्ष्म और कर्ण इंद्रिय के द्वारा ग्रहण किये जा सकने से स्थूल भी होते हैं । जैसे शब्द, स्पर्श, रस और गंध आदि । महापुराण 24.149, 151, वीरवर्द्धमान चरित्र 16.121