सूक्ष्मस्थूल
From जैनकोष
पुद्गल द्रव्य के छ: भेदों में तीसरा भेद । ऐसे पुदगल द्रव्य का चक्षु इंद्रिय के द्वारा ज्ञान नहीं होने से सूक्ष्म और कर्ण इंद्रिय के द्वारा ग्रहण किये जा सकने से स्थूल भी होते हैं । जैसे शब्द, स्पर्श, रस और गंध आदि । महापुराण 24.149, 151, वीरवर्द्धमान चरित्र 16.121