घनवाहन: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत पर स्थित अरुण नगर के राजा सिंहवाहन का पुत्र । इसका पिता इसे ही राज्य देकर विरक्त हुआ था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 17. 154-158 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत पर स्थित अरुण नगर के राजा सिंहवाहन का पुत्र । इसका पिता इसे ही राज्य देकर विरक्त हुआ था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_17#154|पद्मपुराण - 17.154-158]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी में स्थित रथनूपुर नगर के राजा मेघवाहन और रानी प्रीतिमती का पुत्र । इसने अपने शत्रुओं को हराया और अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए विंध्याचल पर साधना की जिससे उसे एक गदा प्राप्त हुई थी । <span class="GRef"> पांडवपुराण 15.6-10 </span></p> | <p id="2">(2) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी में स्थित रथनूपुर नगर के राजा मेघवाहन और रानी प्रीतिमती का पुत्र । इसने अपने शत्रुओं को हराया और अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए विंध्याचल पर साधना की जिससे उसे एक गदा प्राप्त हुई थी । <span class="GRef"> पांडवपुराण 15.6-10 </span></p> | ||
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Revision as of 22:20, 17 November 2023
(1) भरतक्षेत्र के विजयार्ध पर्वत पर स्थित अरुण नगर के राजा सिंहवाहन का पुत्र । इसका पिता इसे ही राज्य देकर विरक्त हुआ था । पद्मपुराण - 17.154-158
(2) विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी में स्थित रथनूपुर नगर के राजा मेघवाहन और रानी प्रीतिमती का पुत्र । इसने अपने शत्रुओं को हराया और अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए विंध्याचल पर साधना की जिससे उसे एक गदा प्राप्त हुई थी । पांडवपुराण 15.6-10