घनवात
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
Atmosphere–(देखें वातवलय ) ( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/ प्रस्तावना/106)।
पुराणकोष से
लोक को वेष्टित करने वाले तीन वातवलयों में द्वितीय वातवलय । यह मूंग के वर्ण का, दंडाकार, घनीभूत, उपर-नीचे चारों ओर स्थित चंचलाकृति और लोक के अंत तक वेष्टित है । अधोलोक के नीचे इसका विस्तार बीस हजार योजन और लोक के ऊपर कुछ कम एक योजन है । अधोलोक के नीचे यह दंडाकार है किंतु ऊपर पांच योजन विस्तृत है । मध्यलोक में इसका विस्तार चार योजन रह जाता है । पाँचवें स्वर्ग के अंत में यह पाँच योजन विस्तृत हो जाता है और मोक्ष-स्थान के समीप यह चार योजन विस्तृत रह जाता है । लोक के ऊपर इसका विस्तार एक कोस है । हरिवंशपुराण - 4.33-41