दुर्मुख: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) रावण का पक्षधर एक विद्याधर । यह सीता के स्वयंवर में भी सम्मिलित हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 68.431, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 28.214 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) रावण का पक्षधर एक विद्याधर । यह सीता के स्वयंवर में भी सम्मिलित हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 68.431, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_28#214|पद्मपुराण - 28.214]] </span></p> | ||
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<p id="3">(3) पूरण का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.51 </span>देखें [[ दुर्दर्श ]]</p> | <p id="3">(3) पूरण का पुत्र । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.51 </span>देखें [[ दुर्दर्श ]]</p> |
Revision as of 22:21, 17 November 2023
सिद्धांतकोष से
यह सप्तम नारदे थे। अपरनाम चतुर्मुख। विशेष–देखें शलाका पुरुष - 6।
पुराणकोष से
(1) रावण का पक्षधर एक विद्याधर । यह सीता के स्वयंवर में भी सम्मिलित हुआ था । महापुराण 68.431, पद्मपुराण - 28.214
(2) जरासंध का पुत्र । हरिवंशपुराण 52.37
(3) पूरण का पुत्र । हरिवंशपुराण 48.51 देखें दुर्दर्श
(4) वसुदेव और अवंती का पुत्र सुमुख का अनुज और महारथ का अग्रज । हरिवंशपुराण 48.64, यह अर्धरथ राजा था । इसे वसुदेव ने कृष्ण-जरासंध युद्ध में कृष्ण का पृष्ठरक्षक बनाया था । हरिवंशपुराण 48. 64, 50.83, 115