धन: Difference between revisions
From जैनकोष
Bhumi Doshi (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<ol> | <ol> | ||
<li><strong class="HindiText"> लक्षण</strong> <br><span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/7/29/368/9 </span><span class="SanskritText"> धनं गवादि। </span>=<span class="HindiText">धन से गाय आदि का ग्रहण होता है। | <li><strong class="HindiText"> लक्षण</strong> <br><span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/7/29/368/9 </span><span class="SanskritText"> धनं गवादि। </span>=<span class="HindiText">धन से गाय आदि का ग्रहण होता है। <span class="GRef">( राजवार्तिक/7/29/555/9 )</span>, <span class="GRef">( बोधपाहुड़/टीका/46/111/8 )</span> </span></li> | ||
</ol> | </ol> | ||
<ul> | <ul> |
Latest revision as of 22:21, 17 November 2023
- लक्षण
सर्वार्थसिद्धि/7/29/368/9 धनं गवादि। =धन से गाय आदि का ग्रहण होता है। ( राजवार्तिक/7/29/555/9 ), ( बोधपाहुड़/टीका/46/111/8 )
- आय का वर्गीकरण―देखें दान - 6।
- दानार्थ भी धन संग्रह का कथंचित् विधि निषेध―देखें दान - 6।
- पदधन, सर्वधन आदि―देखें गणित - II.5.3।