धर्मभूषण: Difference between revisions
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<li> इनके आदेश से ही ब्र०केशव वर्णी ने गोम्मटसार पर कर्णाटक भाषा में वृत्ति लिखी थी। समय‒वि०१४१६ (ई०१३५९)। </li> | |||
<li> न्याय दीपिका के रचयिता नन्दि संघीय भट्टारक गुरु परम्परा देवेन्द्र कीर्ति, विशाल कीर्ति, शुभ कीर्ति, धर्मभूषण प्र०अमरकीर्ति, धर्मभूषण द्वि०, धर्मभूषण तृ०। समय‒प्रथम का शक १२२०-१२४५; द्वि.का शक १२७०-१२९५; तृ.का सायण (शक १३१२) के समकालीन (ई.१३५८-१४१८)। (ती./३/३५५-३५७) </li> | |||
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Revision as of 17:15, 25 December 2013
- इनके आदेश से ही ब्र०केशव वर्णी ने गोम्मटसार पर कर्णाटक भाषा में वृत्ति लिखी थी। समय‒वि०१४१६ (ई०१३५९)।
- न्याय दीपिका के रचयिता नन्दि संघीय भट्टारक गुरु परम्परा देवेन्द्र कीर्ति, विशाल कीर्ति, शुभ कीर्ति, धर्मभूषण प्र०अमरकीर्ति, धर्मभूषण द्वि०, धर्मभूषण तृ०। समय‒प्रथम का शक १२२०-१२४५; द्वि.का शक १२७०-१२९५; तृ.का सायण (शक १३१२) के समकालीन (ई.१३५८-१४१८)। (ती./३/३५५-३५७)