मानसस्तंभिनी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> अलंकारपुर नगर के राजा रत्नश्रवा को प्राप्त एक विद्या । यह जिसे सिद्ध हो जाती है उसका मनचाहा काम करती है । <span class="GRef"> पद्मपुराण 7.163 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> अलंकारपुर नगर के राजा रत्नश्रवा को प्राप्त एक विद्या । यह जिसे सिद्ध हो जाती है उसका मनचाहा काम करती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_7#163|पद्मपुराण -7. 163]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:27, 17 November 2023
अलंकारपुर नगर के राजा रत्नश्रवा को प्राप्त एक विद्या । यह जिसे सिद्ध हो जाती है उसका मनचाहा काम करती है । पद्मपुराण -7. 163