मुंज: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">मालवा (मगध) देश की उज्जयिनी नगरी के राजा ‘सिंहल’ को कोई संतान न थी। वन विहार करते समय उनको मुंज की झाड़ी के नीचे पड़ा हुआ एक बालक मिला। इसको ही उन्होंने अपनी संतान रूप से ग्रहण कर लिया और मुंज की झाड़ी के नीचे से मिलने के कारण इसका नाम ‘मुंज’ रख दिया। पीछे राजा सिंहल को अपने भी दो पुत्र उत्पन्न हो गये–शुभचंद्र व भर्तृहरि। परंतु तब मुंज को राज्य दिया जा चुका था। शुभचंद्र व भर्तृहरि को अत्यंत पराक्रमी जान मुंज ने षड्यंत्र द्वारा उन्हें घर से भाग जाने को बाध्य कर दिया और वे दोनों वन में जाकर संन्यासी हो गये। राजा मुंज का राज्य मालवा देश में था। उज्जैनी इनकी राजधानी थी। इनकी मृत्यु ई. 1021 में तैलिपदेव के हाथ से हुई थी। भोजवंश के अनुसार इनका समय वि. 1036-1078(ई. 979-1021) आता है। (देखें [[ इतिहास#3.1 | इतिहास - 3.1]]); | <p class="HindiText">मालवा (मगध) देश की उज्जयिनी नगरी के राजा ‘सिंहल’ को कोई संतान न थी। वन विहार करते समय उनको मुंज की झाड़ी के नीचे पड़ा हुआ एक बालक मिला। इसको ही उन्होंने अपनी संतान रूप से ग्रहण कर लिया और मुंज की झाड़ी के नीचे से मिलने के कारण इसका नाम ‘मुंज’ रख दिया। पीछे राजा सिंहल को अपने भी दो पुत्र उत्पन्न हो गये–शुभचंद्र व भर्तृहरि। परंतु तब मुंज को राज्य दिया जा चुका था। शुभचंद्र व भर्तृहरि को अत्यंत पराक्रमी जान मुंज ने षड्यंत्र द्वारा उन्हें घर से भाग जाने को बाध्य कर दिया और वे दोनों वन में जाकर संन्यासी हो गये। राजा मुंज का राज्य मालवा देश में था। उज्जैनी इनकी राजधानी थी। इनकी मृत्यु ई. 1021 में तैलिपदेव के हाथ से हुई थी। भोजवंश के अनुसार इनका समय वि. 1036-1078(ई. 979-1021) आता है। (देखें [[ इतिहास#3.1 | इतिहास - 3.1]]); <span class="GRef">( सिद्धि विनिश्चय/ प्रस्तावना 83/पं. महेंद्र)</span>; <span class="GRef">(योगसार/अमितगति/प्रस्तावना/पं. गजाधरलाल)</span>।</p> | ||
Latest revision as of 22:27, 17 November 2023
मालवा (मगध) देश की उज्जयिनी नगरी के राजा ‘सिंहल’ को कोई संतान न थी। वन विहार करते समय उनको मुंज की झाड़ी के नीचे पड़ा हुआ एक बालक मिला। इसको ही उन्होंने अपनी संतान रूप से ग्रहण कर लिया और मुंज की झाड़ी के नीचे से मिलने के कारण इसका नाम ‘मुंज’ रख दिया। पीछे राजा सिंहल को अपने भी दो पुत्र उत्पन्न हो गये–शुभचंद्र व भर्तृहरि। परंतु तब मुंज को राज्य दिया जा चुका था। शुभचंद्र व भर्तृहरि को अत्यंत पराक्रमी जान मुंज ने षड्यंत्र द्वारा उन्हें घर से भाग जाने को बाध्य कर दिया और वे दोनों वन में जाकर संन्यासी हो गये। राजा मुंज का राज्य मालवा देश में था। उज्जैनी इनकी राजधानी थी। इनकी मृत्यु ई. 1021 में तैलिपदेव के हाथ से हुई थी। भोजवंश के अनुसार इनका समय वि. 1036-1078(ई. 979-1021) आता है। (देखें इतिहास - 3.1); ( सिद्धि विनिश्चय/ प्रस्तावना 83/पं. महेंद्र); (योगसार/अमितगति/प्रस्तावना/पं. गजाधरलाल)।