मृगावती: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के सुरम्य देश में पोदनपुर के राजा प्रजापति की रानी । यह प्रथम नारायण त्रिपृष्ठ की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 57. 84-85, 62.90, 74.119-122, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20.225, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 3.61-63 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) भरतक्षेत्र के सुरम्य देश में पोदनपुर के राजा प्रजापति की रानी । यह प्रथम नारायण त्रिपृष्ठ की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 57. 84-85, 62.90, 74.119-122, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_20#225|पद्मपुराण - 20.225]], </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 3.61-63 </span></p> | ||
<p id="2">(2) रावण की रानी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 77.13 </span></p> | <p id="2">(2) रावण की रानी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_77#13|पद्मपुराण - 77.13]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) भरतक्षेत्र का एक देश । दशार्णपुर इसी देश में था । <span class="GRef"> महापुराण 71.291, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 11.55 </span></p> | <p id="3">(3) भरतक्षेत्र का एक देश । दशार्णपुर इसी देश में था । <span class="GRef"> महापुराण 71.291, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 11.55 </span></p> | ||
<p id="4">(4) भरतक्षेत्र के विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में हरिपुर नगर के राजा पवनगिरि विद्याधर की रानी । यह सुमुख के जीव की जननी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 15.21-23 </span></p> | <p id="4">(4) भरतक्षेत्र के विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में हरिपुर नगर के राजा पवनगिरि विद्याधर की रानी । यह सुमुख के जीव की जननी थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 15.21-23 </span></p> |
Revision as of 22:27, 17 November 2023
(1) भरतक्षेत्र के सुरम्य देश में पोदनपुर के राजा प्रजापति की रानी । यह प्रथम नारायण त्रिपृष्ठ की जननी थी । महापुराण 57. 84-85, 62.90, 74.119-122, पद्मपुराण - 20.225, वीरवर्द्धमान चरित्र 3.61-63
(2) रावण की रानी । पद्मपुराण - 77.13
(3) भरतक्षेत्र का एक देश । दशार्णपुर इसी देश में था । महापुराण 71.291, पांडवपुराण 11.55
(4) भरतक्षेत्र के विजयार्ध की उत्तरश्रेणी में हरिपुर नगर के राजा पवनगिरि विद्याधर की रानी । यह सुमुख के जीव की जननी थी । हरिवंशपुराण 15.21-23
(5) वैशाली नगरी के राजा चेटक और रानी सुभद्रा की दूसरी पुत्री तथा प्रियकारिणी की छोटी बहिन । यह कौशांबी के राजा शतानीक से विवाही गयी । चंदना इसकी छोटी बहिन और उदयन इसका पुत्र था । महापुराण 75.3-9, 64