आनत: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) ऊर्ध्वलोक में स्थित तेरहवाँ कल्प (स्वर्ग) । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#166|पद्मपुराण - 105.166-169]], </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6.38 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) ऊर्ध्वलोक में स्थित तेरहवाँ कल्प (स्वर्ग) । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_105#166|पद्मपुराण - 105.166-169]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_6#38|हरिवंशपुराण - 6.38]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
1. कल्पवासी देवों का एक भेद - देखें स्वर्ग - 3;
2. कल्पवासी देवों का अवस्थान - देखें स्वर्ग - 5.8;
3. कल्प स्वर्गों का 13 वाँ कल्प - देखें स्वर्ग - 5.2;
4. आनतस्वर्ग का प्रथम पटल व इंद्रक - देखें स्वर्ग - 5.3।
पुराणकोष से
(1) ऊर्ध्वलोक में स्थित तेरहवाँ कल्प (स्वर्ग) । पद्मपुराण - 105.166-169, हरिवंशपुराण - 6.38
(2) इस स्वर्ग का इस नाम का प्रथम इंद्रक विमान । हरिवंशपुराण - 6.51