कांचनक: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText"> मेरु पर्वत के कूटों पर निवास करने वाले देव । ये पर्वतों पर निर्मित क्रीडागृहों में क्रीडा करते रहते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.203-204 </span> | <span class="HindiText"> मेरु पर्वत के कूटों पर निवास करने वाले देव । ये पर्वतों पर निर्मित क्रीडागृहों में क्रीडा करते रहते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#203|हरिवंशपुराण - 5.203-204]] </span> | ||
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
मेरु पर्वत के कूटों पर निवास करने वाले देव । ये पर्वतों पर निर्मित क्रीडागृहों में क्रीडा करते रहते हैं । हरिवंशपुराण - 5.203-204