कांचनक
From जैनकोष
मेरु पर्वत के कूटों पर निवास करने वाले देव । ये पर्वतों पर निर्मित क्रीडागृहों में क्रीडा करते रहते हैं । हरिवंशपुराण - 5.203-204
मेरु पर्वत के कूटों पर निवास करने वाले देव । ये पर्वतों पर निर्मित क्रीडागृहों में क्रीडा करते रहते हैं । हरिवंशपुराण - 5.203-204