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<span class="HindiText"> (1) नंद्यावर्तपुर के राजा अतिवीर्य के अधीन अंग देश का एक नृप । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_37#14|पद्मपुराण - 37.14]] </span></br><span class="HindiText">(2) हिमवान् आदि सात कुलाचलों में स्थित सोलह ह्रदों में चतुर्थ ह्रद । यह कीर्ति देवी की निवासभूमि है । इस ह्रद से सीता और नरकांता नदियाँ निकलती है । <span class="GRef"> महापुराण 63.197,200, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5. 120-121, 134 </span> | <span class="HindiText"> (1) नंद्यावर्तपुर के राजा अतिवीर्य के अधीन अंग देश का एक नृप । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_37#14|पद्मपुराण - 37.14]] </span></br><span class="HindiText">(2) हिमवान् आदि सात कुलाचलों में स्थित सोलह ह्रदों में चतुर्थ ह्रद । यह कीर्ति देवी की निवासभूमि है । इस ह्रद से सीता और नरकांता नदियाँ निकलती है । <span class="GRef"> महापुराण 63.197,200, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#120|हरिवंशपुराण - 5.120-121]], 134 </span> | ||
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
(1) नंद्यावर्तपुर के राजा अतिवीर्य के अधीन अंग देश का एक नृप । पद्मपुराण - 37.14
(2) हिमवान् आदि सात कुलाचलों में स्थित सोलह ह्रदों में चतुर्थ ह्रद । यह कीर्ति देवी की निवासभूमि है । इस ह्रद से सीता और नरकांता नदियाँ निकलती है । महापुराण 63.197,200, हरिवंशपुराण - 5.120-121, 134