चंद्रकवेध: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> चंद्रक यंत्र । राजा द्रुपद ने अपनी कन्या द्रौपदी के इच्छुक राजकुमारों को इसी यंत्र के वेधनार्थ आमंत्रित किया था । अपरनाम राघावेघ । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45.124-127 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चंद्रक यंत्र । राजा द्रुपद ने अपनी कन्या द्रौपदी के इच्छुक राजकुमारों को इसी यंत्र के वेधनार्थ आमंत्रित किया था । अपरनाम राघावेघ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_45#124|हरिवंशपुराण - 45.124-127]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
चंद्रक यंत्र । राजा द्रुपद ने अपनी कन्या द्रौपदी के इच्छुक राजकुमारों को इसी यंत्र के वेधनार्थ आमंत्रित किया था । अपरनाम राघावेघ । हरिवंशपुराण - 45.124-127