जगत्: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) लोक । इसके तीन भेद होते हैं― ऊर्ध्वलोक, मध्यलोक और अधोलोक । यह परिणमनशील और नित्यानित्यात्मक है । <span class="GRef"> महापुराण 1. 2, 2. 20, 119, 6. 176, 17. 12, 63. 296 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) लोक । इसके तीन भेद होते हैं― ऊर्ध्वलोक, मध्यलोक और अधोलोक । यह परिणमनशील और नित्यानित्यात्मक है । <span class="GRef"> महापुराण 1. 2, 2. 20, 119, 6. 176, 17. 12, 63. 296 </span></p> | ||
<p id="2">(2) सौधर्म युगल का उनतीसवां इंद्रक-पटल । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6. 47 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) सौधर्म युगल का उनतीसवां इंद्रक-पटल । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_6#47|हरिवंशपुराण - 6.47]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
(1) लोक । इसके तीन भेद होते हैं― ऊर्ध्वलोक, मध्यलोक और अधोलोक । यह परिणमनशील और नित्यानित्यात्मक है । महापुराण 1. 2, 2. 20, 119, 6. 176, 17. 12, 63. 296
(2) सौधर्म युगल का उनतीसवां इंद्रक-पटल । हरिवंशपुराण - 6.47