जगत्
From जैनकोष
(1) लोक । इसके तीन भेद होते हैं― ऊर्ध्वलोक, मध्यलोक और अधोलोक । यह परिणमनशील और नित्यानित्यात्मक है । महापुराण 1. 2, 2. 20, 119, 6. 176, 17. 12, 63. 296
(2) सौधर्म युगल का उनतीसवां इंद्रक-पटल । हरिवंशपुराण - 6.47
(1) लोक । इसके तीन भेद होते हैं― ऊर्ध्वलोक, मध्यलोक और अधोलोक । यह परिणमनशील और नित्यानित्यात्मक है । महापुराण 1. 2, 2. 20, 119, 6. 176, 17. 12, 63. 296
(2) सौधर्म युगल का उनतीसवां इंद्रक-पटल । हरिवंशपुराण - 6.47