द्वितीय-शुक्लध्यान: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एकत्ववितर्क-शुक्लध्यान । यह बारहवें गुणस्थान में होता है । <span class="GRef"> महापुराण 47.247,61. 100 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एकत्ववितर्क-शुक्लध्यान । यह बारहवें गुणस्थान में होता है । <span class="GRef"> महापुराण 47.247,61. 100 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
एकत्ववितर्क-शुक्लध्यान । यह बारहवें गुणस्थान में होता है । महापुराण 47.247,61. 100