द्वितीयस्थिति
From जैनकोष
क्षपणासार/ भाषा/583/695/17
ताके ऊपरिवर्ती (अंतर स्थिति के उपरिवर्ती) अवशेष सर्व स्थिति ताका नाम द्वितीय स्थिति है।
देखें अंतरकरण - 1.2 अंतरकरण से नीचे की अंतर्मुहूर्तप्रमित स्थिति को प्रथम स्थिति कहते हैं और अंतरकरण से ऊपर की स्थिति को द्वितीय स्थिति कहते हैं।
अधिक जानकारी के लिये देखें स्थिति - 1।