मनुष्यक्षेत्र: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> जंबूद्वीप धातकीखंड द्वीप और पुष्करार्द्ध ये ढाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि ये दो समुद्र मनुष्य क्षेत्र कहलाते हैं । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_14#234|पद्मपुराण - 14.234]], </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.590 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> जंबूद्वीप धातकीखंड द्वीप और पुष्करार्द्ध ये ढाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि ये दो समुद्र मनुष्य क्षेत्र कहलाते हैं । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_14#234|पद्मपुराण - 14.234]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#590|हरिवंशपुराण - 5.590]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
जंबूद्वीप धातकीखंड द्वीप और पुष्करार्द्ध ये ढाई द्वीप तथा लवणोदधि और कालोदधि ये दो समुद्र मनुष्य क्षेत्र कहलाते हैं । इसका विस्तार पैतालीस लाख योजन हैं । पद्मपुराण - 14.234, हरिवंशपुराण - 5.590