विपुल: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) आगामी पंद्रहवें तीर्थंकर । <span class="GRef"> महापुराण 76.479, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60. 560 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) आगामी पंद्रहवें तीर्थंकर । <span class="GRef"> महापुराण 76.479, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#560|हरिवंशपुराण - 60.560]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- भाविकालीन 15वें तीर्थंकर । अपर नाम बहुलप्रभ।–देखें तीर्थंकर - 5।
- एक चंद्र परिवार में अट्ठासी ग्रह होते हैं । उनमें से एक ग्रह का नाम विपुल है । –देखें ग्रह ।
पुराणकोष से
(1) आगामी पंद्रहवें तीर्थंकर । महापुराण 76.479, हरिवंशपुराण - 60.560
(2) नवें कुलकर । इनका अपर नाम यशस्वान् था । महापुराण 3. 125, पद्मपुराण - 3.86 देखें यशस्वान्
(3) एक उद्यान । तीर्थंकर मुनिसुव्रत ने यहाँ दीक्षा ली थी । पद्मपुराण - 21.36-27 देखें मुनिसुव्रत