सीमंतक: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> धर्मा पृथिवी का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारो दिशाओं में उनचास-उनचास और प्रत्येक विदिशा में अड़तालीस-अड़तालीस श्रेणिबद्ध बिल है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.76, 87, 89 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> धर्मा पृथिवी का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारो दिशाओं में उनचास-उनचास और प्रत्येक विदिशा में अड़तालीस-अड़तालीस श्रेणिबद्ध बिल है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#76|हरिवंशपुराण - 4.76]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#87|हरिवंशपुराण - 4.87]], 89 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
प्रथम नरक का प्रथम पटल ; देखें नरक - 5.11 तथा रत्नप्रभा ।
पुराणकोष से
धर्मा पृथिवी का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारो दिशाओं में उनचास-उनचास और प्रत्येक विदिशा में अड़तालीस-अड़तालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.76,हरिवंशपुराण - 4.87, 89