सीमंतक
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
प्रथम नरक का प्रथम पटल ; देखें नरक - 5.11 तथा रत्नप्रभा ।
पुराणकोष से
धर्मा पृथिवी का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारो दिशाओं में उनचास-उनचास और प्रत्येक विदिशा में अड़तालीस-अड़तालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.76,हरिवंशपुराण - 4.87, 89