समयप्रबद्ध: Difference between revisions
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<p | <p><span class="GRef"> गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/245/509/4 </span><span class="SanskritText">समये समयेन वा प्रबध्यतेस्म कर्मनोकर्मरूपतया आत्मना संबध्यते स्म य: पुद्गलस्कंध: स समयप्रबद्ध:।</span> =<span class="HindiText">जो समय-समय में कर्म-नोकर्म रूप पुद्गल स्कंधों का आत्म से संबंध किया जाता है वह समय प्रबद्ध है।</span></p> | ||
<p><strong>2. समयप्रबद्ध विशेष</strong></p> | <p><strong>2. समयप्रबद्ध विशेष</strong></p> | ||
<p><strong>कर्म-नोकर्म समयप्रबद्ध</strong></p> | <p><strong>कर्म-नोकर्म समयप्रबद्ध</strong></p> | ||
<span class="GRef"> गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/245/509/4 </span> <p class="SanskritText">सिद्धानंतैकभागाभव्यराश्यनंतप्रमितानंतवर्गणाभिर्नियमेनैकसमयप्रबद्धो भवति।</p> | |||
<p | <p><span class="GRef"> गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/246/510/11 </span><span class="SanskritText">सर्वत: स्तोक: औदारिकसमयप्रबद्ध:। ...तत: श्रेण्यसंख्येयभागगुणितपरमाणुप्रमितो वैक्रियिकशरीरसमयप्रबद्ध:। तत: संख्येयभागगुणितपरमाणुप्रमित: आहारकशरीरसमयप्रबद्ध:। ...अग्रे तैजसशरीरसमयप्रबद्धोऽनंतगुणपरमाणुप्रमित:।</span> =<span class="HindiText">1. सिद्धों के अनंतवें भाग तथा अभव्यों से अनंतगुणे ऐसे मध्य अनंतानंत प्रमाण वर्गणाओं से नियम से एक समयप्रबद्ध होता है। 2. औदारिक शरीर का समयप्रबद्ध सबसे कम है। इससे श्रेणी के असंख्यातवें भाग गुणित परमाणु प्रमाण समयप्रबद्ध वैक्रियक शरीर का है। और उससे भी श्रेणी के असंख्यातवें भाग से गुणित परमाणु प्रमाण समय-प्रबद्ध आहारक शरीर का है। इससे आगे तैजस व कार्मण शरीर का समयप्रबद्ध क्रमश: अनंतगुणा अनंतगुणा है।</span></p> | ||
<p><strong>2. नवक समयप्रबद्ध</strong></p> <p | <p><strong>2. नवक समयप्रबद्ध</strong></p> <p><span class="GRef"> गोम्मटसार कर्मकांड/ भाषा/514/673/1 </span><br> | ||
<span class="HindiText">जिनका बंध भये थोड़ा काल भया, संक्रमणादि करने योग्य जे निषेक न भये ऐसे नूतन समयप्रबद्ध के निषेक तिनिका नाम नवकसमय प्रबद्ध है।</span></p> | |||
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Latest revision as of 17:22, 19 February 2024
1. समयप्रबद्ध सामान्य
धवला 12/4,2,14,2/478/7 समये प्रबध्यत इति समप्रबद्ध:। =एक समय में जो बाँधा जाता है वह समय-प्रबद्ध है।
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/245/509/4 समये समयेन वा प्रबध्यतेस्म कर्मनोकर्मरूपतया आत्मना संबध्यते स्म य: पुद्गलस्कंध: स समयप्रबद्ध:। =जो समय-समय में कर्म-नोकर्म रूप पुद्गल स्कंधों का आत्म से संबंध किया जाता है वह समय प्रबद्ध है।
2. समयप्रबद्ध विशेष
कर्म-नोकर्म समयप्रबद्ध
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/245/509/4
सिद्धानंतैकभागाभव्यराश्यनंतप्रमितानंतवर्गणाभिर्नियमेनैकसमयप्रबद्धो भवति।
गोम्मटसार जीवकांड / जीवतत्त्व प्रदीपिका/246/510/11 सर्वत: स्तोक: औदारिकसमयप्रबद्ध:। ...तत: श्रेण्यसंख्येयभागगुणितपरमाणुप्रमितो वैक्रियिकशरीरसमयप्रबद्ध:। तत: संख्येयभागगुणितपरमाणुप्रमित: आहारकशरीरसमयप्रबद्ध:। ...अग्रे तैजसशरीरसमयप्रबद्धोऽनंतगुणपरमाणुप्रमित:। =1. सिद्धों के अनंतवें भाग तथा अभव्यों से अनंतगुणे ऐसे मध्य अनंतानंत प्रमाण वर्गणाओं से नियम से एक समयप्रबद्ध होता है। 2. औदारिक शरीर का समयप्रबद्ध सबसे कम है। इससे श्रेणी के असंख्यातवें भाग गुणित परमाणु प्रमाण समयप्रबद्ध वैक्रियक शरीर का है। और उससे भी श्रेणी के असंख्यातवें भाग से गुणित परमाणु प्रमाण समय-प्रबद्ध आहारक शरीर का है। इससे आगे तैजस व कार्मण शरीर का समयप्रबद्ध क्रमश: अनंतगुणा अनंतगुणा है।
2. नवक समयप्रबद्ध
गोम्मटसार कर्मकांड/ भाषा/514/673/1
जिनका बंध भये थोड़ा काल भया, संक्रमणादि करने योग्य जे निषेक न भये ऐसे नूतन समयप्रबद्ध के निषेक तिनिका नाम नवकसमय प्रबद्ध है।