रात्रि: Difference between revisions
From जैनकोष
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<li> दिन व रात्रि प्रगट होने का | <li> दिन व रात्रि प्रगट होने का क्रम− देखें - [[ ज्योतिष#2.8 | ज्योतिष / २ / ८ ]]। </li> | ||
<li> साधु रात्रि को अत्यन्त अल्प निद्रा लेते | <li> साधु रात्रि को अत्यन्त अल्प निद्रा लेते हैं।− देखें - [[ निद्रा#2 | निद्रा / २ ]]। </li> | ||
<li> साधु के लिए रात्रि को कथंचित् बोलने की | <li> साधु के लिए रात्रि को कथंचित् बोलने की आज्ञा।− देखें - [[ अपवाद#3 | अपवाद / ३ ]]। </li> | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
- दिन व रात्रि प्रगट होने का क्रम− देखें - ज्योतिष / २ / ८ ।
- साधु रात्रि को अत्यन्त अल्प निद्रा लेते हैं।− देखें - निद्रा / २ ।
- साधु के लिए रात्रि को कथंचित् बोलने की आज्ञा।− देखें - अपवाद / ३ ।