कंदक: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>ध. | <p>ध.13/5,3,29/34/10 <span class="PrakritGatha">हत्थिधरणट्ठमोद्दिदवारिबंधो कंदओ णाम। हरिण-वाराहादिमारणट्ठमोद्दिदकंदा वा कंदओ णाम। </span><br /> | ||
=<span class="HindiText"> हाथी के पकड़ने के लिए जो | =<span class="HindiText"> हाथी के पकड़ने के लिए जो वारिबन्ध बनाया जाता है उसे कंदक कहते हैं। अथवा हिरण और सूअर आदि के मारने के लिए जो फंदा तैयार किया जाता है उसे कन्दक कहते हैं।</span></p> | ||
[[कंडरा | | <noinclude> | ||
[[ कंडरा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:क]] | [[ कंदमूल | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: क]] |
Revision as of 21:39, 5 July 2020
ध.13/5,3,29/34/10 हत्थिधरणट्ठमोद्दिदवारिबंधो कंदओ णाम। हरिण-वाराहादिमारणट्ठमोद्दिदकंदा वा कंदओ णाम।
= हाथी के पकड़ने के लिए जो वारिबन्ध बनाया जाता है उसे कंदक कहते हैं। अथवा हिरण और सूअर आदि के मारने के लिए जो फंदा तैयार किया जाता है उसे कन्दक कहते हैं।