क्षीरकदम्ब: Difference between revisions
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<p> जम्बूद्वीप सम्बन्धी भरतक्षेत्र के धवल देश में स्थित स्वतिकावती नगरी का निवासी एक विद्वान् ब्राह्मण । यह इसी नगर के राजा विश्वावसु के पुत्र वसु, अपने पुत्र पर्वत और दूसरे देश से आये हुए नारद का गुरु था । आयु के अन्त मे इसने संयम धारण किया और सन्यासमरण के द्वारा यह स्वर्ग में देव हुआ । महापुराण 67. 256-259, 326</p> | <p> जम्बूद्वीप सम्बन्धी भरतक्षेत्र के धवल देश में स्थित स्वतिकावती नगरी का निवासी एक विद्वान् ब्राह्मण । यह इसी नगर के राजा विश्वावसु के पुत्र वसु, अपने पुत्र पर्वत और दूसरे देश से आये हुए नारद का गुरु था । आयु के अन्त मे इसने संयम धारण किया और सन्यासमरण के द्वारा यह स्वर्ग में देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 67. 256-259, 326 </span></p> | ||
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Revision as of 21:40, 5 July 2020
जम्बूद्वीप सम्बन्धी भरतक्षेत्र के धवल देश में स्थित स्वतिकावती नगरी का निवासी एक विद्वान् ब्राह्मण । यह इसी नगर के राजा विश्वावसु के पुत्र वसु, अपने पुत्र पर्वत और दूसरे देश से आये हुए नारद का गुरु था । आयु के अन्त मे इसने संयम धारण किया और सन्यासमरण के द्वारा यह स्वर्ग में देव हुआ । महापुराण 67. 256-259, 326