चित्तवेग: Difference between revisions
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<p> विजयार्ध-दक्षिणश्रेणी के स्वर्णाभनगर का राजा-एक विद्याधर । इसकी अंगारवती नाम की रानी थी । इन दोनों के मानसवेग नाम का पुत्र और वेगवती नाम की एक पुत्री थी । पुत्र को राज्य देकर इसने मुनि-दीक्षा ले ली थी । हरिवंशपुराण 24.69-71</p> | <p> विजयार्ध-दक्षिणश्रेणी के स्वर्णाभनगर का राजा-एक विद्याधर । इसकी अंगारवती नाम की रानी थी । इन दोनों के मानसवेग नाम का पुत्र और वेगवती नाम की एक पुत्री थी । पुत्र को राज्य देकर इसने मुनि-दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 24.69-71 </span></p> | ||
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Revision as of 21:41, 5 July 2020
विजयार्ध-दक्षिणश्रेणी के स्वर्णाभनगर का राजा-एक विद्याधर । इसकी अंगारवती नाम की रानी थी । इन दोनों के मानसवेग नाम का पुत्र और वेगवती नाम की एक पुत्री थी । पुत्र को राज्य देकर इसने मुनि-दीक्षा ले ली थी । हरिवंशपुराण 24.69-71