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| <p class="HindiText">सेन संघ की गुर्वावली के अनुसार (देखें - [[ इतिहास | इतिहास ]]) आप इन्द्रसेन के शिष्य तथा अर्हत् सेन के गुरु थे। समय–वि०६४०-६८० (ई.५८३-६२३); (म.पु.१२३/१६७ प्रशस्ति); (प.पु./प्र.१९ पं.पन्नालाल); देखें - [[ इतिहास#7.6 | इतिहास / ७ / ६ ]]।</p>
| | सेन संघ की गुर्वावली के अनुसार (देखें [[ इतिहास ]]) आप इन्द्रसेन के शिष्य तथा अर्हत् सेन के गुरु थे। समय–वि0640-680 (ई.583-623); (म.पु.123/167 प्रशस्ति); (प.पु./प्र.19 पं.पन्नालाल); देखें [[ इतिहास ]]/7/6। |
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Revision as of 21:42, 5 July 2020
सेन संघ की गुर्वावली के अनुसार (देखें इतिहास ) आप इन्द्रसेन के शिष्य तथा अर्हत् सेन के गुरु थे। समय–वि0640-680 (ई.583-623); (म.पु.123/167 प्रशस्ति); (प.पु./प्र.19 पं.पन्नालाल); देखें इतिहास /7/6।
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