प्रतिबोध: Difference between revisions
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Revision as of 21:44, 5 July 2020
ध./3,41,85/10 सम्महंसण-णाण-वद-सील-गुणाणमुज्जालणं कलंकपक्खालणं संधुक्खणं वा पडिबुज्झणं णाम । = सम्यग्दर्शन-ज्ञान, व्रत और शील गुणों को उज्ज्वल करने, मलको धोने अथवा जलाने का नाम प्रतिबोधन है ।