बृहत् क्षेत्र समास: Difference between revisions
From जैनकोष
m (Vikasnd moved page बृहत् क्षेत्र समास to बृहत् क्षेत्र समास without leaving a redirect: RemoveZWNJChar) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
त्रिलोकप्रज्ञप्ति के समक्षक, पाँच अधिकार तथा 656 प्राकृत गाथाबद्ध, त्रिलोक प्ररूपक, श्वेताम्बर ग्रन्थ । रचयिता जिनभद्र गणी क्षमश्रमण (वि. 620) जै. /2/62 । | |||
[[ | <noinclude> | ||
[[ बृहत् कथा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:ब]] | [[ बृहत् त्रयम् | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: ब]] |
Revision as of 21:44, 5 July 2020
त्रिलोकप्रज्ञप्ति के समक्षक, पाँच अधिकार तथा 656 प्राकृत गाथाबद्ध, त्रिलोक प्ररूपक, श्वेताम्बर ग्रन्थ । रचयिता जिनभद्र गणी क्षमश्रमण (वि. 620) जै. /2/62 ।