बृहत् क्षेत्र समास
From जैनकोष
त्रिलोकप्रज्ञप्ति के समक्षक, पाँच अधिकार तथा 656 प्राकृत गाथाबद्ध, त्रिलोक प्ररूपक, श्वेतांबर ग्रंथ । रचयिता जिनभद्र गणी क्षमश्रमण (वि. 620) जै. /2/62 ।
त्रिलोकप्रज्ञप्ति के समक्षक, पाँच अधिकार तथा 656 प्राकृत गाथाबद्ध, त्रिलोक प्ररूपक, श्वेतांबर ग्रंथ । रचयिता जिनभद्र गणी क्षमश्रमण (वि. 620) जै. /2/62 ।