मा: Difference between revisions
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<p> कुलकरों के समय में व्यवहृत हाँ-मा और विक् इन तीन प्रकार के दण्डों में दूसरे प्रकार का दण्ड― ‘खेद है जो तुमने अपराध किया है आगे नहीं करना ।’ छठे से दसवें कुलकर तक अपराधी को यही दण्ड दिया जाता था । महापुराण 3.215</p> | <p> कुलकरों के समय में व्यवहृत हाँ-मा और विक् इन तीन प्रकार के दण्डों में दूसरे प्रकार का दण्ड― ‘खेद है जो तुमने अपराध किया है आगे नहीं करना ।’ छठे से दसवें कुलकर तक अपराधी को यही दण्ड दिया जाता था । <span class="GRef"> महापुराण 3.215 </span></p> | ||
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Revision as of 21:45, 5 July 2020
कुलकरों के समय में व्यवहृत हाँ-मा और विक् इन तीन प्रकार के दण्डों में दूसरे प्रकार का दण्ड― ‘खेद है जो तुमने अपराध किया है आगे नहीं करना ।’ छठे से दसवें कुलकर तक अपराधी को यही दण्ड दिया जाता था । महापुराण 3.215