मा
From जैनकोष
कुलकरों के समय में व्यवहृत हाँ-मा और विक् इन तीन प्रकार के दंडों में दूसरे प्रकार का दंड― ‘खेद है जो तुमने अपराध किया है आगे नहीं करना ।’ छठे से दसवें कुलकर तक अपराधी को यही दंड दिया जाता था । महापुराण 3.215
कुलकरों के समय में व्यवहृत हाँ-मा और विक् इन तीन प्रकार के दंडों में दूसरे प्रकार का दंड― ‘खेद है जो तुमने अपराध किया है आगे नहीं करना ।’ छठे से दसवें कुलकर तक अपराधी को यही दंड दिया जाता था । महापुराण 3.215