रजक: Difference between revisions
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<p id="1">(1) धोबी । यह कारु शूद्र होता है । महापुराण 16.185</p> | <p id="1">(1) धोबी । यह कारु शूद्र होता है । <span class="GRef"> महापुराण 16.185 </span></p> | ||
<p id="2">(2) मेरु के चन्दनवन का छठा कूट । इसकी ऊँचाई पाँच सौ योजन, मूलभाग की चौड़ाई पाँच सौ योजन, मध्यभाग की तीन सौ पचहत्तर योजन और ऊर्ध्वभाग की गई सौ योजन है । विचित्रा दिक्कुमारी देवी यहाँ निवास करती है । हरिवंशपुराण 5.329-333</p> | <p id="2">(2) मेरु के चन्दनवन का छठा कूट । इसकी ऊँचाई पाँच सौ योजन, मूलभाग की चौड़ाई पाँच सौ योजन, मध्यभाग की तीन सौ पचहत्तर योजन और ऊर्ध्वभाग की गई सौ योजन है । विचित्रा दिक्कुमारी देवी यहाँ निवास करती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.329-333 </span></p> | ||
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
(1) धोबी । यह कारु शूद्र होता है । महापुराण 16.185
(2) मेरु के चन्दनवन का छठा कूट । इसकी ऊँचाई पाँच सौ योजन, मूलभाग की चौड़ाई पाँच सौ योजन, मध्यभाग की तीन सौ पचहत्तर योजन और ऊर्ध्वभाग की गई सौ योजन है । विचित्रा दिक्कुमारी देवी यहाँ निवास करती है । हरिवंशपुराण 5.329-333