रामपुरी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> वनवास के समय में राम-लक्ष्मण के लिए यक्षराज पूतन द्वारा विन्ध्यवन में निर्मित एक नगरी । राम के लिए निर्मित होने से यह नगरी इस नाम से अभिहित हुई । राम के द्वारपाल, भट, मंत्री, घोड़े, हाथी जैसे अयोध्या में थे वैसे ही इस नगरी में भी थे । पद्मपुराण 35. 43-45, 51-53</p> | <p> वनवास के समय में राम-लक्ष्मण के लिए यक्षराज पूतन द्वारा विन्ध्यवन में निर्मित एक नगरी । राम के लिए निर्मित होने से यह नगरी इस नाम से अभिहित हुई । राम के द्वारपाल, भट, मंत्री, घोड़े, हाथी जैसे अयोध्या में थे वैसे ही इस नगरी में भी थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 35. 43-45, 51-53 </span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ रामपुत्र | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ रामभद्र | अगला पृष्ठ ]] | [[ रामभद्र | अगला पृष्ठ ]] |
Revision as of 21:46, 5 July 2020
वनवास के समय में राम-लक्ष्मण के लिए यक्षराज पूतन द्वारा विन्ध्यवन में निर्मित एक नगरी । राम के लिए निर्मित होने से यह नगरी इस नाम से अभिहित हुई । राम के द्वारपाल, भट, मंत्री, घोड़े, हाथी जैसे अयोध्या में थे वैसे ही इस नगरी में भी थे । पद्मपुराण 35. 43-45, 51-53