वार्ता: Difference between revisions
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<p> भरतेश द्वारा व्रतियों के लिए बताये गये छ: कर्मों में दूसरा कर्म । विशुद्ध आचरणपूर्वक खेती आदि करके आजीविका चलाना वार्ता कहलाती है । <span class="GRef"> महापुराण 38.24-40 </span></p> | |||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
म.पु./38/35 वार्ता विशुद्धवृत्त्या स्यात् कृष्यादीनामनुष्ठितः। = विशुद्ध आचरण पूर्वक खेती आदि का करना वार्ता कहलाती है। (चा.सा./43/5)।
पुराणकोष से
भरतेश द्वारा व्रतियों के लिए बताये गये छ: कर्मों में दूसरा कर्म । विशुद्ध आचरणपूर्वक खेती आदि करके आजीविका चलाना वार्ता कहलाती है । महापुराण 38.24-40