वीर्याचार: Difference between revisions
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<p> मुनियों के ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप और वीर्य इन पाँच अक्षरों में पांचवां आचार । सामर्थ्य के अनुसार आचार का पालन करना वीर्याचार कहलाता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 20.173, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 23. 59 </span></p> | |||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें आचार ।
पुराणकोष से
मुनियों के ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप और वीर्य इन पाँच अक्षरों में पांचवां आचार । सामर्थ्य के अनुसार आचार का पालन करना वीर्याचार कहलाता है । हरिवंशपुराण 20.173, पांडवपुराण 23. 59