शरीरमरण: Difference between revisions
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<p> जीवों का मरण दो प्रकार का माना गया है― शरीरमरण और संस्कारमरण । इनमें अपनी आयु के अन्त में देह का विसर्जन शरीर-मरण है । महापुराण 39.119-122</p> | <p> जीवों का मरण दो प्रकार का माना गया है― शरीरमरण और संस्कारमरण । इनमें अपनी आयु के अन्त में देह का विसर्जन शरीर-मरण है । <span class="GRef"> महापुराण 39.119-122 </span></p> | ||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
जीवों का मरण दो प्रकार का माना गया है― शरीरमरण और संस्कारमरण । इनमें अपनी आयु के अन्त में देह का विसर्जन शरीर-मरण है । महापुराण 39.119-122