सागर: Difference between revisions
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<li>माल्यवान् गजदन्त पर स्थित एक कूट तथा नन्दनवन का एक कूट- देखें | <li>मध्यलोक में द्वीपों के वेष्टित करते हुए एक के पीछे एक करके असंख्यात सागर स्थित हैं-देखें [[ लोक#2.11 | लोक - 2.11]]।</li> | ||
<li>भूतकालीन द्वितीय तीर्थंकर- देखें | <li>माल्यवान् गजदन्त पर स्थित एक कूट तथा नन्दनवन का एक कूट-देखें [[ लोक#5.14 | लोक - 5.14]]।</li> | ||
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<p id="1"> (1) सूर्यवंश में हुआ एक राजा । यह सुभद्र का पुत्र और भद्र का पिता था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.6, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13. 9 </span></p> | |||
<p id="2">(2) राजा उग्रसेन के छ: पुत्रों में पाँचवाँ पुत्र । वसुदेव ने कृष्ण जरासन्ध युद्ध में इसे राजा भोज का रक्षक नियुक्त किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48. 39, 50. 118 </span></p> | |||
<p id="3">(3) तीर्थंकरों की गर्भावस्था में उनकी माता द्वारा देखे गये सोलह स्वप्नों में एक स्वप्न-समुद्र । <span class="GRef"> पद्मपुराण 21.12-15 </span></p> | |||
<p id="4">(4) राम का एक योद्धा । <span class="GRef"> पद्मपुराण 58.22 </span></p> | |||
<p id="5">(5) दस कोड़ाकोड़ी पल्य प्रमाण काल । <span class="GRef"> पद्मपुराण 20.77 </span></p> | |||
<p id="6">(6) एक मुनि । राजा हेमाभ की रानी यशस्वती ने इनसे सिद्धार्थ वन में व्रत लिये थे । <span class="GRef"> महापुराण 71. 435-436 </span></p> | |||
<p id="7">(7) राजगृह नगर का एक श्रावक । यह राजा सत्यंधर का पुरोहित था । श्रीमती इसकी स्त्री और बुद्धिषेण पुत्र था । <span class="GRef"> महापुराण 75.257-259 </span></p> | |||
<p id="8">(8) तीर्थंकर अजितनाथ का मुख्य प्रश्नकर्ता । <span class="GRef"> महापुराण 76.529 </span></p> | |||
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
- मध्यलोक में द्वीपों के वेष्टित करते हुए एक के पीछे एक करके असंख्यात सागर स्थित हैं-देखें लोक - 2.11।
- माल्यवान् गजदन्त पर स्थित एक कूट तथा नन्दनवन का एक कूट-देखें लोक - 5.14।
- भूतकालीन द्वितीय तीर्थंकर-देखें तीर्थंकर - 5।
- काल का एक प्रमाण-देखें गणित - II.7.5।
पुराणकोष से
(1) सूर्यवंश में हुआ एक राजा । यह सुभद्र का पुत्र और भद्र का पिता था । पद्मपुराण 5.6, हरिवंशपुराण 13. 9
(2) राजा उग्रसेन के छ: पुत्रों में पाँचवाँ पुत्र । वसुदेव ने कृष्ण जरासन्ध युद्ध में इसे राजा भोज का रक्षक नियुक्त किया था । हरिवंशपुराण 48. 39, 50. 118
(3) तीर्थंकरों की गर्भावस्था में उनकी माता द्वारा देखे गये सोलह स्वप्नों में एक स्वप्न-समुद्र । पद्मपुराण 21.12-15
(4) राम का एक योद्धा । पद्मपुराण 58.22
(5) दस कोड़ाकोड़ी पल्य प्रमाण काल । पद्मपुराण 20.77
(6) एक मुनि । राजा हेमाभ की रानी यशस्वती ने इनसे सिद्धार्थ वन में व्रत लिये थे । महापुराण 71. 435-436
(7) राजगृह नगर का एक श्रावक । यह राजा सत्यंधर का पुरोहित था । श्रीमती इसकी स्त्री और बुद्धिषेण पुत्र था । महापुराण 75.257-259
(8) तीर्थंकर अजितनाथ का मुख्य प्रश्नकर्ता । महापुराण 76.529