सामंतवर्द्धन: Difference between revisions
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Revision as of 21:48, 5 July 2020
विदेहक्षेत्र में रत्नसंचयनगर के मणि मंत्री का पुत्र । इसने राजा के साथ महाव्रत धारण कर लिए थे । अन्त में मरकर यह ग्रैवेयक विमान में अहमिन्द्र हुआ और वहाँं से च्युत होकर रथनूपुर नगर में सहस्रार विद्याधर का इन्द्र नामक पुत्र हुआ । पद्मपुराण 13.62-66