सूत्रकृतांग: Difference between revisions
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<p> द्वादशांग श्रुत का दूसरा भेद । इसमें छत्तीस हजार पद है, जिनमें स्वसमय और पर समय का वर्णन दिया गया है । महापुराण 34. 136, हरिवंशपुराण 2.92, 10.28</p> | == सिद्धांतकोष से == | ||
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Revision as of 21:49, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == श्रुत के दृष्टिप्रवाद अंग का दूसरा भेद-देखें श्रुतज्ञान - III।
पुराणकोष से
द्वादशांग श्रुत का दूसरा भेद । इसमें छत्तीस हजार पद है, जिनमें स्वसमय और पर समय का वर्णन दिया गया है । महापुराण 34. 136, हरिवंशपुराण 2.92, 10.28