सूत्रकृतांग
From जैनकोष
सिद्धांतकोष से
श्रुत के अंगप्रविष्ट के बारह भेद हैं उसमें दूसरा भेद-देखें श्रुतज्ञान - III।
पुराणकोष से
द्वादशांग श्रुत का दूसरा भेद । इसमें छत्तीस हजार पद है, जिनमें स्वसमय और पर समय का वर्णन दिया गया है । महापुराण 34. 136, हरिवंशपुराण - 2.92,हरिवंशपुराण - 2.10.28