संयोगाधिकरण: Difference between revisions
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<p> अजीवाधिकरण आसव का एक भेद । यह दो प्रकार का होता है― भक्तपानसंयोग और उपकरणसंयोग । इनमें भोजनपान को अन्य भोजन तथा पान में मिलाना भक्तपान-संयोग है और बिना विवेक के उपकरणों का परस्पर मिलाना उपकरण-संयोग है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.84, 86, 89 </span></p> | |||
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Revision as of 21:49, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें अधिकरण ।
पुराणकोष से
अजीवाधिकरण आसव का एक भेद । यह दो प्रकार का होता है― भक्तपानसंयोग और उपकरणसंयोग । इनमें भोजनपान को अन्य भोजन तथा पान में मिलाना भक्तपान-संयोग है और बिना विवेक के उपकरणों का परस्पर मिलाना उपकरण-संयोग है । हरिवंशपुराण 58.84, 86, 89