मानुषोत्तर: Difference between revisions
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<p><span class="HindiText">मध्यलोक पुष्कर द्वीप के मध्य स्थित एक कुण्डलाकार पर्वत–देखें [[ लोक#4.4 | लोक - 4.4]]। </span><br /> | <p><span class="HindiText">मध्यलोक पुष्कर द्वीप के मध्य स्थित एक कुण्डलाकार पर्वत–देखें [[ लोक#4.4 | लोक - 4.4]]। </span><br /> | ||
सर्वार्थसिद्धि /3/35/228/10 <span class="SanskritText">पुष्करद्वीपबहुमध्यदेशभागी वलयवृत्तो मानुषोत्तरो नाम शैल:। तस्यात्प्रागेव मनुष्या न बहिरिति। ततो न बहिः पूर्वोक्तक्षेत्रविभागोऽस्ति। ... ततोऽस्यान्वर्थसंज्ञा। </span>= <span class="HindiText">पुष्कर द्वीप के ठीक मध्य में चूड़ी के समान गोल मानुषोत्तर नाम का पर्वत है। उसके पहले-पहले ही मनुष्य हैं, उसके बाहर नहीं (क्योंकि उसको उल्लंघन करने की शक्ति मनुष्यों में नहीं है–(देखें [[ मनुष्य#4.2 | मनुष्य - 4.2]]) इसलिए इस पर्वत का मानुषोत्तर यह नाम सार्थक है। ( राजवार्तिक/3/35/ .../197/30)।</span></p> | |||
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Revision as of 19:13, 17 July 2020
मध्यलोक पुष्कर द्वीप के मध्य स्थित एक कुण्डलाकार पर्वत–देखें लोक - 4.4।
सर्वार्थसिद्धि /3/35/228/10 पुष्करद्वीपबहुमध्यदेशभागी वलयवृत्तो मानुषोत्तरो नाम शैल:। तस्यात्प्रागेव मनुष्या न बहिरिति। ततो न बहिः पूर्वोक्तक्षेत्रविभागोऽस्ति। ... ततोऽस्यान्वर्थसंज्ञा। = पुष्कर द्वीप के ठीक मध्य में चूड़ी के समान गोल मानुषोत्तर नाम का पर्वत है। उसके पहले-पहले ही मनुष्य हैं, उसके बाहर नहीं (क्योंकि उसको उल्लंघन करने की शक्ति मनुष्यों में नहीं है–(देखें मनुष्य - 4.2) इसलिए इस पर्वत का मानुषोत्तर यह नाम सार्थक है। ( राजवार्तिक/3/35/ .../197/30)।