आनंदमाल: Difference between revisions
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<p> | <p> चंद्रावर्तपुर नगर का राजा । अरिंजयपुर के राजा वह्निवेग की पुत्री अहिल्या का प्राप्तकर्ता । इसे प्रतिमायोग में विराजमान देखकर इंद्र विद्याधर ने पूर्व वैरवश क्रोधित होकर रस्सी से कसकर बांध दिया था । किंतु इतना होने पर भी यह निर्विकार रहा । इसके समीप ही इसका छोटा भाई भी तप कर रहा था । भाई के ऊपर किये गये उपसर्ग को देखकर वह इस इंद्र विद्याधर को भस्म ही कर मार देना चाहता था किंतु इंद्र की भायी सर्वश्री ने उसका क्रोध शांत करके उसे बचा लिया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 13.73-89 </span></p> | ||
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Revision as of 16:19, 19 August 2020
चंद्रावर्तपुर नगर का राजा । अरिंजयपुर के राजा वह्निवेग की पुत्री अहिल्या का प्राप्तकर्ता । इसे प्रतिमायोग में विराजमान देखकर इंद्र विद्याधर ने पूर्व वैरवश क्रोधित होकर रस्सी से कसकर बांध दिया था । किंतु इतना होने पर भी यह निर्विकार रहा । इसके समीप ही इसका छोटा भाई भी तप कर रहा था । भाई के ऊपर किये गये उपसर्ग को देखकर वह इस इंद्र विद्याधर को भस्म ही कर मार देना चाहता था किंतु इंद्र की भायी सर्वश्री ने उसका क्रोध शांत करके उसे बचा लिया था । पद्मपुराण 13.73-89