आनंदयशा
From जैनकोष
विदेहक्षेत्र में स्थित अशोकपुर नगर निवासी आनंद नामक वैश्य की पुत्री । मुनि को आहार देने के प्रभाव से मरकर यह उत्तरकुरु में उत्पन्न हुई थी । इसके बाद वह भवनवासियों के इंद्र की इंद्राणी हुई और वहाँ से चयकर यशस्वती हुई । महापुराण 71.432-435