कामदेव: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) श्रावस्ती नगरी के श्रेष्ठी कामदत्त के वश में उत्पन्न एक श्रेणी । निमित्तज्ञानियों के निर्देशानुसार इसने अपनी पुत्री | <p id="1"> (1) श्रावस्ती नगरी के श्रेष्ठी कामदत्त के वश में उत्पन्न एक श्रेणी । निमित्तज्ञानियों के निर्देशानुसार इसने अपनी पुत्री बंधुमती का विवाह वसुदेव के साथ किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 29.6-12 </span></p> | ||
<p id="2">(2) वृषभदेव का एक पुत्र । <span class="GRef"> महापुराण 43.66 </span></p> | <p id="2">(2) वृषभदेव का एक पुत्र । <span class="GRef"> महापुराण 43.66 </span></p> | ||
<p id="3">(3) वृषभदेव के चौरासी गणधरों में तेरासीवाँ गणधर । <span class="GRef"> महापुराण 43.66 </span>, <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.70 </span></p> | <p id="3">(3) वृषभदेव के चौरासी गणधरों में तेरासीवाँ गणधर । <span class="GRef"> महापुराण 43.66 </span>, <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.70 </span></p> | ||
<p id="4">(4) एक पद । चौबीस व्यक्ति इस पद के धारक थे । उनमें सर्वप्रथम बाहुबलि है । वे अनुपम | <p id="4">(4) एक पद । चौबीस व्यक्ति इस पद के धारक थे । उनमें सर्वप्रथम बाहुबलि है । वे अनुपम सौंदर्य के धारक थे । <span class="GRef"> महापुराण 16.9 </span></p> | ||
Revision as of 16:21, 19 August 2020
== सिद्धांतकोष से == देखें शलाका पुरूष - 1,8।
पुराणकोष से
(1) श्रावस्ती नगरी के श्रेष्ठी कामदत्त के वश में उत्पन्न एक श्रेणी । निमित्तज्ञानियों के निर्देशानुसार इसने अपनी पुत्री बंधुमती का विवाह वसुदेव के साथ किया था । हरिवंशपुराण 29.6-12
(2) वृषभदेव का एक पुत्र । महापुराण 43.66
(3) वृषभदेव के चौरासी गणधरों में तेरासीवाँ गणधर । महापुराण 43.66 , हरिवंशपुराण 12.70
(4) एक पद । चौबीस व्यक्ति इस पद के धारक थे । उनमें सर्वप्रथम बाहुबलि है । वे अनुपम सौंदर्य के धारक थे । महापुराण 16.9