कामदृष्टि
From जैनकोष
भरतेश चक्रवर्ती का गृहपति-रत्न । यह उनके चौदह रत्नों में एक था । इसने और स्थपति रत्न रत्नभद्र ने उन्मग्नजला और निमम्नजला दोनों नदियों पर पुल बनाया था जिस पर होकर भरतेश की सेना उत्तर भारत में पहुँची थी । हरिवंशपुराण - 11.26-29 महापुराण में कामदृष्टि को कामवृष्टि कहा है । महापुराण 37.176