स्तरक: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> दूसरे नरक का प्रथम | <p> दूसरे नरक का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चवालीस और विदिशाओं में एक सौ चालीस श्रेणिबद्ध बिल है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.78, 105 </span>देखें [[ शर्कराप्रभा ]]</p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ स्तब्ध | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ स्तव | अगला पृष्ठ ]] | [[ स्तव | अगला पृष्ठ ]] |
Revision as of 16:40, 19 August 2020
दूसरे नरक का प्रथम इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ चवालीस और विदिशाओं में एक सौ चालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण 4.78, 105 देखें शर्कराप्रभा